Pages

Thursday, 2 November 2017

चितौड़गढ़ दुर्ग सामान्य ज्ञान जी.के.

चित्तौड़गढ़ दुर्ग–इस दुर्ग का निर्माण चित्रांग मौरय ने गंभीरी तथा बेड़च नदी के संगम पर मेसा के पठार पर करवाया.

इस दुर्ग की लंबाई 8 किलोमीटर व चौड़ाई 2 किलोमीटर है तथा यह दुर्ग 279हैक्टेयर मे फैला है.वीरता और शौर्य की क्रीडा़स्थली एंव बलिदान का पावन स्थल चितौड़ का किला 'राजस्थान का गौरव' कहलाता है.


इस दुर्ग के लिए एक लोकोक्ति प्रचलित है-"गढ़ तो चितौड़गढ़.बाकी सब गढैया" जो इसकी देशव्यापी ख्याति का प्रमाण है.


किले के प्रवेश द्वार ✏इस दुर्ग में जाने के सात प्रवेश द्वार है-प्रथम दरवाजा पाडनपोल जो बाघसिंह की स्मृति मे बनाया गया था.
दूसरा भैंरवपोल जहाँ भैरुजी की मूर्ति स्थापित है.
तीसरा दरवाजा हनुमानपोल जहाँ हनुमानजी की मूर्ति स्थापित है.
चौथा दरवाजा गणेशपोल,पाँचवा जोड़ला पोल,छटा दरवाजा लक्ष्मणपोल,सातवाँ और अन्तिम दरवाजा रामपोल है जो पत्ता सिसोदिया का स्मारक है.

चितौड़गढ़ के प्रमुख स्मारक👉
विजय स्तम्भ✏इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने महमूद खिलजी पर अपनी विजय के उपलक्ष्य मे सन् 1440मे करवाया.
कीर्ति स्तम्भ✏इस स्तम्भ का निर्माण बघेरवाल जैन जीजा ने करवाया जो आदिनाथ जैन धर्म को समर्पित है.


चितौड़गढ़ के तीन साके👉
पहला साका सन् 1303 मे हुआ जिसमे गोरा व बादल वीरगति को प्राप्त हुए तथा रानी पद्मिनी सहित अन्य राजपूत रानियों ने जौहर किया.
दूसरा साका 8 मार्च 1535 ई. मे हुआ जिसमे राजमाता हाड़ी रानी कर्मवती सहित अन्य राजपूत रानियों ने जौहर किया तथा रावत बाघसिंह युध्द लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए.
तीसरा साका सन् 1567-68 ई. में जयमल राठौड़ व पत्ता सिसोदिया वीरगति को प्राप्त हुए तथा पत्ता की रानी फूलकँवर  के नेतृत्व में राजपूत महिलाओं ने जौहर किया.

No comments:

Post a Comment

कैसे बढिये जियो की स्पीड increase jio speed

जब से बाजार मे जियो आया है तब से लोग इन्टरनेट का दिन भर इस्तेमाल करते है.लेकिन कभी-कभार ऐसा होता है की जियो की स्पीड बहुत धीमी हो जाती है आ...