पुष्कर झील–इस झील को सर्वप्रथम पुष्करणा ब्राह्मणो द्वारा खोदी जाने के कारण इसका नाम पुष्कर झील पड़ा इस झील का पुन: निर्माण सन् 1809 मे मराठा सरदारों ने करवाया.यहाँ प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को एक विशाल मेला लगता है. जो ऊँटो के मेले के नाम से भी प्रसिद्ध है.
नक्की झील–यह झील माउण्ट-आबू में स्थित है. जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में किया.यह सबसे ऊँची व सबसे गहरी झील है .यह राजस्थान राज्य की एक मात्र झील है जो सर्दियो के समय जम जाती है.
राजसमन्द झील–कांकरोली मे सन् 1660 से 1662 के मध्य में राजसिंह ने राजसमन्द मे करवाया. इस झील मे गोमती नदी का पानी गिरता है.यह राज्य की एकमात्र झील है जिसके नाम पर जिले का नाम पड़ा।
गैव/गैप सागर झील–इस झील को एडवर्ड सागर बाँध भी कहते है.
इसके मध्य में बादल महल बना हुआ है.
तलवाड़ा झील–घग्घर नदी के मुहाने सर्वाधिक नीचाई पर स्थित झील है।
नक्की झील–यह झील माउण्ट-आबू में स्थित है. जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में किया.यह सबसे ऊँची व सबसे गहरी झील है .यह राजस्थान राज्य की एक मात्र झील है जो सर्दियो के समय जम जाती है.
राजसमन्द झील–कांकरोली मे सन् 1660 से 1662 के मध्य में राजसिंह ने राजसमन्द मे करवाया. इस झील मे गोमती नदी का पानी गिरता है.यह राज्य की एकमात्र झील है जिसके नाम पर जिले का नाम पड़ा।
गैव/गैप सागर झील–इस झील को एडवर्ड सागर बाँध भी कहते है.
इसके मध्य में बादल महल बना हुआ है.
तलवाड़ा झील–घग्घर नदी के मुहाने सर्वाधिक नीचाई पर स्थित झील है।
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